केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (Rajesh Bhushan) ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को इस संबंध में पत्र लिखा है। इसमें राज्यों को मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेज-अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में नॉन-कोविड बेड्स उपलब्ध कराने की सलाह दी है। ताकि अंडरग्रेजुएट (MBBS) स्टूडेंट्स की ट्रेनिंग पूरी की जा सके।
राजेश भूषण का कहना है कि ‘सभी कॉलेजों द्वारा केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा जारी सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड संक्रमण से बचाव के सभी दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा।’
केंद्र सरकार ने क्यों लिया यह फैसला
केंद्र सरकार का यह निर्देश नेशनल मेडिकल कमीशन (National Medical Commission) द्वारा मेडिकल कॉलेज खोलने की सिफारिश पर आया है। आयोग ने कहा कि उनके पास कई स्टूडेंट्स और मेडिकल कॉलेजों ने क्लासेस शुरू करने की अपील की है।
कॉलेज व स्टूडेंट्स का कहना है कि 2020 सत्र के एमबीबीएस बैच की क्लिनिकल ट्रेनिंग पूरी नहीं हो पाई है। इसके बिना स्टूडेंट्स अगले साल होने वाली नीट पीजी (NEET PG 2021) में शामिल नहीं हो पाएंगे।
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आयोग ने कहा कि ‘ट्रेनिंग में देर होने से आने वाले सालों में पीजी व सुपर स्पेशलिटी कोर्सेस बुरी तरह प्रभावित हो जाएंगे।’ 1 दिसंबर से वर्तमान चालू सत्र के लिए कॉलेज खोले जाएंगे।
कब शुरू होगी नए बैच की क्लास
नेशनल मेडिकल कमीशन के अनुसार, ‘2020-21 के नए बैच की कक्षाएं 1 फरवरी 2021 से शुरू होनी चाहिए। वहीं पीजी कोर्सेस के लिए 2020-21 का सत्र 1 जुलाई 2021 से शुरू किया जाना चाहिए। इसके लिए 2020-21 का नीट पीजी एग्जाम मार्च-अप्रैल 2021 में शेड्यूल किया जाएगा।’